दि हाफ वर्ल्ड : तलाश जड़ों की

लखनऊ, दिनांक 11.09.2022. : क्या सृष्टि ने नर और नारी को रचते समय नारी को कुछ कम दिया है? क्या प्रकृति ने दोनों के मध्य संरचनात्मक बंदरबाँट की है? क्या यह विभेद धार्मिक है, या यह ऐतिहासिक है या यह अंतर राजनीतिक है? यह मानवीय प्रवृत्ति है अथवा कोई सोचा समझा षड्यंत्र? जब हम समाज और नारी का कोई समीकरण समझने का प्रयास करते हैं तो अधिकांशतः ढाल पुरुष की ओर सरकती हुई ही क्यों प्रतीत होती है?
ये ढेर सारे प्रश्न एक ऐसे मंच की रचना अनायास ही करते हैं जहाँ न केवल एक सार्थक बहस की गुंजाइश ही बनती है बल्कि समय के कैनवास पर कुछ नया रचने के आसार भी सिर उठाते हैं।
आई सी एन मीडिया ग्रुप ने जनमानस के अंतर को छूने व परखने की दृष्टि से समाज में स्त्री की अर्थपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के प्रयास की पहल के रूप में आज ‘आई सी एन मीडिया स्टडीज़, ट्रेनिंग ऐंड रिसर्च सेंटर’ के तत्वाधान में ‘दि हाफ वर्ल्ड : दि वुमेन’ पर त्रिसत्रीय सेमिनार के प्रथम सत्र ‘दि पास्ट’ (अतीत) का आयोजन किया।
‘दि पास्ट’, ‘दि प्रज़ेंट’ एवं ‘दि फ्यूचर’ नामक तीन सत्रों की इस श्रृंखला के पहले सत्र ‘दि पास्ट’ की मुख्य अतिथि आई सी आर ए की मुख्य साइंटिस्ट एवं हेड अॉफ डिपार्टमेंट डॉ नीलिमा गर्ग एवं विशिष्ट अतिथि भारतीय आर्मी की सेवा निवृत्त डॉ रुचि श्रीवास्तव थीं।
समाज के विभिन्‍न वर्गों का प्रतिनिधित्व करती ढेर सारी महिलाओं व पुरुष-स्त्री में समानता के पक्षधर समाज के विभिन्न स्तरों पर उपस्थित अनेक पुरुषों से खचाखच भरे हुये परिसर में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि का आई सी एन के प्रतिनिधियों द्वारा स्वागत किया गया और तदुपरांत  सत्र का प्रारंभ आई सी एन के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडीटर तरुण प्रकाश श्रीवास्तव ने यह कहते हुये किया कि हम सब कारण और परिणाम की दुनिया में रहते हैं। हर पौधे, हर पेड़ के नीचे उनकी जड़ें मौजूद हैं और इस धरती पर मानव द्वारा रचे गये हर वास्तु की गहराई में उनकी नींव है। यदि आज हम स्त्रियों व पुरुषों के मध्य सामाजिक असमानतायें देखते हैं तो ये मात्र उन कारणों के परिणाम मात्र हैं जिनको परखने के लिये हमें इतिहास अर्थात अपने अतीत को खंगालना होगा। उन्होंने कहा कि पूरे विषय को समान्यता के स्तर पर परखने की आवश्यकता है और कुछ महिलाओं के द्वारा उत्कृष्टता के प्रतिमान रचने के बावजूद असमानता की यह खाई आज भी बहुत चौड़ी है। यह प्रश्न आज भी सामने खड़ा है कि क्या पुरुष मात्र शक्ति एवं स्त्री मात्र खूबसूरती की ही प्रतीक है अथवा इनके प्रतिशत की मात्रा में कोई सकारात्मक परिवर्तन भी आया है? क्या पुरुष मस्तिष्क के क्षेत्र में शासन करता है और क्या स्त्री मन के देश की सम्राज्ञी है? उन्होंने कहा कि आई सी एन ने इस पूरी परिचर्चा को तीन सत्रों की श्रृंखला में विभाजित किया है जिसमें प्रथम सत्र ‘पास्ट’ अर्थात ‘अतीत’ में हम इस असमानता के कारणों को तलाशने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि हम में से अधिकांश दृश्य बदलने की रेस में दौड़ रहे हैं जबकि कुछ सीमित किंतु श्रेष्ठ व्यक्ति यह रहस्य जानते हैं कि बिना दृष्टि बदले दृश्य नहीं बदले जा सकते हैं।
तत्पश्चात कार्यक्रम के संयोजक व आई सी एन मीडिया ग्रुप के एडीटर इन चीफ़ प्रो. (डॉ) शाह अयाज़ सिद्दीकी ने कहा कि आई सी एन ज़मीनी बदलाव में विश्वास करता है और हमने न केवल अपने ग्रामीण उद्यमिता के अभियान में मैदानी व पहाड़ी गाँवों में पुरानी मानसिकता को बदलने का प्रयास ही किया है बल्कि हम उस हर बिंदु की पुरजोर वकालत करते हैं जो हमारे समाज के सर्वांगीण विकास के लिये आवश्यक है। उन्होंने कहा कि युगों-युगों से स्त्री व पुरुष के बीच स्पष्ट विभेदन रेखा खिंची हुई है और यही कारण है कि सदियों से समाज लंगड़ाते हुये धीरे-धीरे खिसक रहा है किंतु जिस दिन स्त्री व पुरुष समानता के स्तर पर आयेंगे, हमारे विकास की रफ़्तार देखने योग्य होगी।
नाइश हसन (वुमेन राईट्स एक्टीविस्ट) ने कहा कि पुरुष समाज अन्यायपूर्ण ढंग से स्त्रियों की ज़मीन पर भी कब्जा जमाये हुये है और उसे अब स्त्रियों के लिये समाज में समानता के अधिकारों पर मुहर लगानी ही चाहिये। उन्होंने कहा कि ‘तीन तलाक़’ व ‘सिगना शनि मंदिर व्यवस्था में स्त्रियों के साथ भेदभाव’ जैसे मुद्दे यह समझने के लिये पर्याप्त हैं कि हम किस असमतल समाज में रह रहे हैं। यह असमानता हमारे सामाजिक विकास में सबसे बड़ा रोड़ा है।
सोशल एक्टिविस्ट वर्षा वर्मा ने कहा कि मैं यह कदापि स्वीकार नहीं करती हूँ कि नारी मात्र सौंदर्य की प्रतीक है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति की प्रतीक है। उन्होंने बताया कि कोविड काल की दूसरी लहर में जब लखनऊ के सभी बड़े कोविड अस्पतालों में कोविडग्रस्त लोगों की मौतों का तांता लगा हुआ था और जनसमुदाय लाकडाउन व भय से अपने-अपने घरों में दुबका हुआ था एवं शव वाहन के मालिक शवों को मरघट व कब्रिस्तान तक पहुँचाने के लिये अनाप-शनाप किराया वसूल रहे थे, उन्होंने अपनी वैन एक बड़े अस्पताल के सामने खड़ी कर उस पर ‘निःशुल्क शव वाहन सेवा’ का बैनर लगा कर स्वयं पीड़ित लोगों को सेवा देना प्रारंभ कर दिया और सैकड़ों बेसहारा लोगों के शवों को घाट पर ले जाकर उनका स्वयं अंतिम संस्कार किया। सभा में उपस्थित सभी लोगों ने अपने स्थान पर खड़े होकर वर्षा वर्मा की इस क्रांतिकारी सोच व प्रयास को सैल्यूट किया।
संगीतज्ञ रीमा अग्रवाल ने कहा कि हम स्वयं के बारे में जितनी देर से सोचेंगे, समाज को सकारात्मक रूप से बदलने में उतना ही समय लगेगा। हमने कुछ समय पूर्व सोचा कि हमारी भूमिका घर के अंदर ही नहीं बल्कि घर के बाहर भी है और आज हम सब वाह्य समाज में भी सक्रिय हैं।
शिक्षिका मयूरी रस्तोगी ने कहा कि जब से स्त्री ने पुराने साँचे से बाहर निकलकर बदलना प्रारंभ किया है, यह समाज भी बदल रहा है। स्त्री व पुरुष, दोनों ही हर क्षेत्र में गाड़ी के दो पहिये हैं और जब तक एक पहिया छोटा व एक पहिया बड़ा होगा, कोई भी गाड़ी समुचित रूप से यात्रा नहीं कर सकती है।
कवियत्री सरिता कटियार ने कहा कि प्राचीनकाल से ही स्त्री पुरुषों के अन्याय की शिकार रही हैं और अधिकांश समाज पुरुष सत्तात्मक रहे हैं जहाँ स्त्री मात्र भोग विलास की वस्तु के रूप में ही देखी जाती रही है। आज हम यह सिद्ध कर रहे हैं कि हम वस्तु नहीं बल्कि पुरुष की ही भाँति गढ़ी गई ईश्वरीय रचनायें हैं और यदि अधिकार मांगने से नहीं मिलता है तो हमें अपने अधिकारों की परिभाषा स्वयं ही गढ़नी है।
शिक्षिका ऋचा सिन्हा ने कहा कि आई सी एन एक ऐसा मंच है जिसमें समाज को हर क्षेत्र में विकसित होते देखने की उत्कंठा है और वह सामाजिक मंच पर जिन प्रश्नों के समुचित उत्तर ढूंढने का प्रयास कर रहा है, वे उत्तर आज नहीं तो कल,   समय को और सुंदर बनायेंगे।
डॉ शुभ्रा अग्रवाल, डायरेक्टर निर्वाण मेडिकल ग्रुप, ने कहा कि स्त्री को अपनी भूमिका न केवल और भी धारदार बनानी है बल्कि उसे प्राचीन छवियों को तोड़ते हुये अपनी नई और निर्णायक छवि स्वयं ही उकेरनी है।
विशिष्ट अतिथि डॉ रुचि श्रीवास्तव ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि मुझे यह सोचकर ही प्रसन्नता का अनुभव होता है कि हम सब इस मंच के माध्यम से नये इतिहास को लिखने में अभियान में शामिल हैं।
लोकप्रिय कवि अखिल आनंद ने अपनी रचना ‘मधुमक्खी’ सुना कर यह संदेश दिया कि अपनी पत्नियों को लोग भले ही मधुमक्खी समझ कर उपेक्षित करते हों लेकिन परिवार व समाज में शहद वे ही प्रवाहित करती हैं। फूल-फूल पर मंडराने वाली तितलियाँ कभी भी मधुमक्खी का स्थान नहीं ले सकती हैं।
मुख्य अतिथि डॉ नीलिमा गर्ग ने कहा कि यह सत्य है कि यदि हम इतिहास के गलियारों में चहलकदमी करें तो पायेंगे कि वैदिक काल में स्त्री का स्थान समाज में बहुत ही ऊँचा था लेकिन मध्ययुगीन इतिहास ने स्त्री को व्यक्ति से वस्तु बनाने का षड्यंत्र किया। यह समय तमाम धार्मिक, राजनीतिक व सामाजिक दृष्टियों से नारी की अस्मिता को कमतर आंकने का काल था। हमारी असमानताओं के बीज हमारे इतिहास में ही छिपै हुये हैं जिन्हें समझना व उनसे छुटकारा पाने के लिये सामाजिक शल्यक्रिया आवश्यक है और इस भूमिका को आई सी एन जैसा मंच बड़ी ही निःस्वार्थ भावना से व आत्मीयता से निभा रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी असमानता के लिये केवल पुरुष समाज ही नहीं बल्कि स्वयं स्त्री समाज भी ज़िम्मेदार है। जब भी कभी पुरुष ने स्त्री के गले में दासता का हार डालना चाहा, स्त्री ने सदैव अपनी गर्दन स्वयं पेश कर दी। जब अपने अधिकारों के लिये संघर्ष का समय था, स्त्री ने अनचाही संधि ही स्वीकार की और उसका परिणाम यह हुआ कि समाजिक भूमि सदैव गंभीर रूप से असमतल ही रही। पिछले कुछ समय से हमारे संघर्ष के स्वर मुखर हुये हैं और आई सी एन जैसे मंच इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रहे हैं।
चौंतीस पुस्तकों के प्रणेता व आई सी एन के एडीटर सी.पी.सिंह जी ने सभी अतिथियों व उपस्थित समुदाय का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सदैव की तरह अपनी विशिष्ट व आकर्षक शैली में गौरवेंद्र प्रताप सिन्हा, एडीटर, आई सी एन ने किया।ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ संजय प्रकाश, नज़म मुस्तफ़ा, कंसल्टिंग एडीटर, सिद्धार्थ अमर रस्तोगी, सीनियर एसोसिएट एडिटर, सुमितआदि कार्यक्रम में मौजूद रहे।
लंदन से आई सी एन के चीफ़ एडवइज़र एवं चेयरमेन (ICN MSTRC) चेयरमेन प्रोफेसर के.वी.नागराज व शिमला से आई सी एन के सीनियर एडवाइज़र एवं वाइस चेयरमेन (ICN MSTRC) राकेश लोहुमी ने सफल कार्यक्रम हेतु प्रतिभागी महिलाओं को बधाई दी।
आई०सी०एन० मीडिया हाउस के ग्रुप एडिटर विजय कुमार वर्मा (Vijay Kumar Verma),आई०सी०एन० मीडिया हाउस के सीनियर कंसल्टिंग एडिटर डॉ. सुशील सोलोमन (Dr. Sushil Solomon, Ex. VC CSA Agriculture University Kanpur), आई०सी०एन० मीडिया हाउस के सीनियर कंसल्टिंग एडिटर कमल नयन मिश्रा (Kamal Nayan Mishra, Retd. Major General, Indian Army),आई०सी०एन० मीडिया हाउस के सीनियर कंसल्टिंग एडिटर प्रोफेसर अवध राम (Prof Awadh Ram, Ex. VC MGKV Varanasi),सीनियर कंसल्टिंग एडिटर प्रोफेसर अख्तर हसीब ( Prof. Akhtar Haseeb, Ex-VC NDUAT ), थाईलैंड से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के सीनियर कंसल्टिंग एडिटर डॉ. राम भुजेल (Dr. Ram Bhujel, Director Aqua Centre AIT Thailand)थाईलैंड से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के कंसल्टिंग एडिटर वेरापन सुथीपथ (Varaporn Suthipeth), उत्तरी अमेरिका से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाले तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के निवासी डेविड बी (David B. Shea, USA), ओशियानिका से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाले तथा ऑस्ट्रेलिया के कोनरॉड पापारोवा (Conrad Paparowa, Australia), दक्षिण अमेरिका से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाले तथा ब्राज़ील के गेहस्सान ऐकी (Ghassan Aki (Brazil), यूरोप से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाले तथा यूक्रेन के युगेनी (Yiugeni, Ukrain), उत्तरी अमेरिका से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व (दूसरे) करने वाले तथा कनाडा के पीटर कमेरमेन (Pieter Kmerman, Canada/Netherland), अफ़्रीका से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाले तथा ज़ामबिया के मर्विन सिक-ओता (Marvin Sikota, Zambia), थाईलैंड से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के  सीनियर एसोसिएट एडिटर विनोद बेलानी (Vinod Belani, Thailand), मध्य एशिया से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाले तथा यू.ए.ई़ के जमाल अब्दुल्ला (Jamal Abdullah Al Shamsi, UAE), दक्षिण-पूर्व एशिया से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाली तथा वियतनाम की क्रिस्टीन टी (Christeen Thi, Vietnam), यूरोप से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व (दूसरे) करने वाले तथा यूनान के एफ्रोडाइट माकापोलो (Aphrodite Machopolou, Greece), दक्षिण-पूर्व एशिया से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व (दूसरे) करने वाले तथा इंडोनेशिया के मैक्स रॉबिंसन (Max Robbynson, Indonesia),दक्षिण-पूर्व एशिया से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाले मलेशिया के डॉ विन्सेंट तन ( Dr Vincent Tan, Malaysia), दक्षिण-पूर्व एशिया से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाली एसोसिएट एडिटर श्रीकुल. के ( Srikul.K, Thailand), इंडोनेशिया दक्षिण-पूर्व एशिया से आई०सी०एन० मीडिया हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाली तथा लाओस के थाउ सिथी (Tho Sithi, Laos), यूरोपियन आई०सी०एन० मीडिया हाउस के सीनियर एसोसिएट एडिटर तथा जर्मनी से साईरस एत्मीनान (Cyrus Etminan, Germany), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के कंसल्टिंग एडिटर प्रोफेसर मसर्रत हसीब (Prof. Masarrat Haseeb, Ex. Principal Scientist-CSIR), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस की मनोनीत कंसल्टिंग एडिटर डॉ. नीलीमा गर्ग (Dr. Neelima Garg, Principal Scientist & Head ICAR-CISH), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के सीनियर कंसल्टिंग एडिटर डॉ. भोला नाथ मिश्रा (Dr. Bhola Nath Mishra, Convener of SJM), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के मैनेजिंग एडिटर डॉ. सुधांशु सिंह (Dr. Sudhanshu Singh), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के चीफ कंसल्टिंग एडिटर डॉ. उपशम गोयल (Dr. Upsham Goel), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर,आई सी एन मीडिया स्टडीज़, ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर तरुण प्रकाश श्रीवास्तव (Tarun Prakash Srivastava), आई०सी०एन० मीडिया हाउस के  एडिटर-इन-चीफ डॉ शाह अयाज़ सिद्दीक़ी (Dr. Shah Ayaz Siddiqui, Editor-in-Chief, ICN Media Group), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के एडिटर प्रोफेसर आर.के. यादव (Prof. R.K. Yadav, HoD Agriculture University of Kanpur), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के  एडिटर प्रोफेसर जसवंत सिंह (Prof. Jaswant Singh, Member-Antarctica & Arctic), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस की एडिटर बरनाली बोस (Barnali Bose), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के एडिटर एम. एस. मज़ूमदार (M.S. Mazumdar), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के एडिटर मुहम्मद ज़ैद (Mohammad Zaid), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के एडिटर सी.पी़ सिंह (C.P. Singh), रशिया से आई०सी०एन० मीडिया हाउस की एग्जीक्यूटिव एडिटर लीडिया मलकीना (Lidiya Myalkina, Russia), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस की एग्जीक्यूटिव एडिटर डॉ. श्वेता (Dr. Shweta, India),एग्जीक्यूटिव एडिटर Dr, Sanjay Kumar Agarwal,भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के एग्जीक्यूटिव एडिटर डॉ शाह नवाज़ सिद्दीकी (Dr. Shah Nawaz Siddiqui), भारत से आई०सी०एन० मीडिया हाउस के एग्जीक्यूटिव एडिटर हार्दिक मुरारका (Hardik Murarka), एग्जीक्यूटिव एडिटर, सुशांत कुमार सिंह, डॉ शिखा भदौरिया,एग्जीक्यूटिव एडिटर, दिनेश कुमार, स्टेट कोऑर्डिनेटर पूजा दीवान, सीनियर एसोसिएट एडिटर, अमिताभ दीक्षित, एडिटर, प्रभंजन तिवारी,HEAD-India NOW24, कौसर खान, एसोसिएट एडिटर, आदर्श कुमार श्रीवास्तव, एसोसिएट एडिटर, मोहम्मद तौसीफ,एसोसिएट एडिटर,निमित सिंह,एसोसिएट एडिटर,असिस्टेंट एडिटर अवनीश पांडे, गज़ाला, फोटो जर्नलिस्ट मेराज खान,आदि ऑनलाइन कार्यक्रम में मौजूद रहे।

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